देहरादून-अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में आज सचिवालय में स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन प्राधिकरण (SARRA) उत्तराखण्ड की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति (SLEC) की प्रथम बैठक आयोजित हुयी। बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव ने SARRA के गठन के उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को आपसी सामंजस्य के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रस्तावों को समिति से स्वीकृत कराने से पूर्व सभी सम्बन्धित विभागों को इसके प्रस्ताव भेज कर उनकी टिप्पणियां ले ली जाएं। उन्होंने कहा कि सूख रहे जलस्रोतों, नदियों एवं जलधाराओं का शीघ्रातिशीघ्र चिन्हीकरण के साथ साथ उपचारात्मक कार्य शीघ्र शुरू कर परियोजना के मूल्यांकन के लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए।उन्होंने राज्य एवं जिला स्तर पर प्राधिकरण के अंतर्गत कराए जाने वाले कार्यों का श्रेणीकरण करते हुए प्रत्येक वर्ष के लिए लक्ष्य निर्धारित करने और इस वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक कार्ययोजना अगले एक माह में तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने परियोजनाओं के लिए जनपदों को समय पर बजट आवंटित किए जाने और साथ ही योजनाओं के ससमय क्रियान्वयन के लिए कैलेण्डर तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना को सफल बनाए जाने हेतु जन जागरूकता की अत्यधिक आवश्यकता है। इस बैठक के दौरान समिति द्वारा प्रथम चरण में दीर्घावधिक उपचार हेतु प्रदेश की 5 नदियों सौंग (देहरादून-टिहरी), पूर्वी एवं पश्चिमी नयार (पौड़ी), शिप्रा (नैनीताल) एवं गौड़ी (चम्पावत) को चयनित किया गया। बैठक के दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (SARRA) श्रीमती नीना ग्रेवाल ने बताया कि प्रदेश में अप्रैल 2024 से अगस्त 2024 तक जल संरक्षण अभियान आयोजित किया जा रहा है, साथ ही 10 जून से 16 जून 2024 तक जल उत्सव सप्ताह का भी आयोजन किया गया था। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में उपचार हेतु अभी तक कुल 5428 जलस्रोत चिन्हित किए गए हैं।
इस अवसर पर राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति के सदस्यों सहित सम्बन्धित विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।

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