एडवोकेट हरीशंकर सिंह सैनी  का सफरनामा: संघर्ष से सेवा तक

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के उत्तराखंड प्रांत के संगठन मंत्री एडवोकेट हरीशंकर सिंह सैनी के साथ विशेष इंटरव्यू

प्रारंभिक जीवन और संघर्ष: हरीशंकर सिंह सैनी एडवोकेट का जन्म  एक गरीब किसान परिवार में हुआ था, जहां जीवन की बुनियादी आवश्यकताएँ भी मुश्किल से पूरी होती थीं। उनके परिवार की स्थिति बहुत कठिन थी, लेकिन इस संघर्ष ने उन्हें जीवन के प्रति सच्ची समझ और कड़ी मेहनत की महत्वता सिखाई। परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के बावजूद, हरीशंकर जी ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया। छोटे गांव में पढ़ाई के सीमित संसाधनों के बावजूद, हरीशंकर ने खुद को संघर्षों से बाहर निकालने और समाज के लिए कुछ बेहतर करने की दृढ़ इच्छा बनाई।

पत्रकारिता का सफर: 25 वर्षों तक पत्रकारिता में सक्रिय रहने के बाद, हरीशंकर सिंह सैनी ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी महसूस की। पत्रकारिता में रहते हुए उन्होंने कई ज्वलंत मुद्दों को उठाया, जो आम जनता से जुड़े थे। उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से समाज में हो रही अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई। अपने कार्यक्षेत्र में वे हमेशा सत्य और न्याय की रक्षा के लिए खड़े रहे। उनकी पत्रकारिता ने समाज को जागरूक किया और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार और जनता के बीच संवाद स्थापित किया।

कानूनी क्षेत्र में कदम:पत्रकारिता के बाद, हरीशंकर सिंह सैनी ने समाज सेवा के एक नए रास्ते को अपनाया और वकालत में कदम रखा। उन्होंने महसूस किया कि गरीब और साधनहीन लोग कानूनी मदद से वंचित हैं और इसके चलते उन्हें न्याय प्राप्त करने में कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इसके बाद उन्होंने गरीब और वंचित लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता देने का निर्णय लिया।

अब हरीशंकर जी अदालतों में उन लोगों की मदद करते हैं, जिनके पास उच्च वकील या न्याय प्राप्त करने के लिए जरूरी संसाधन नहीं होते। वे गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों को न्याय दिलाने के लिए अपने कानूनी ज्ञान का इस्तेमाल करते हैं। उनका मानना है कि हर व्यक्ति को समान न्याय मिलना चाहिए, चाहे उसकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति कैसी भी हो।

समाज में योगदान और प्रेरणा: हरीशंकर सिंह सैनी का जीवन केवल संघर्ष का नहीं, बल्कि समाज की सेवा का भी आदर्श है। वे हमेशा गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए काम करते हैं। उनकी कठिनाई और संघर्ष ने उन्हें वह ताकत दी, जो आज वह दूसरों की मदद करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। अपने जीवन के अनुभवों और संघर्षों को उन्होंने न केवल खुद पर बल्कि समाज पर भी सकारात्मक रूप से असर डाला है।

वह आज भी अपने वकालत के कार्यों के माध्यम से उन लोगों की आवाज बनते हैं, जिनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं होता। उन्होंने यह साबित किया है कि समाज में बदलाव लाने के लिए न केवल संसाधन चाहिए, बल्कि दृढ़ नायकत्व और समाज के प्रति सच्ची जिम्मेदारी की भावना भी जरूरी है।

आगे का रास्ता:आज हरीशंकर सिंह सैनी एडवोकेट उत्तराखंड के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। उन्होंने अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत से भी जुड़कर, ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी भूमिका निभाई है। वह अब कोर्ट में गरीब और साधनहीन लोगों को निशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध करा रहे हैं और अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि समाज के कमजोर वर्ग को न्याय मिले।

उनका जीवन यह संदेश देता है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी परिस्थिति में पैदा हुआ हो, अपने संघर्ष और मेहनत से समाज में परिवर्तन ला सकता है। हरीशंकर सिंह सैनी के संघर्ष और सफलता की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह यह भी सिद्ध करती है कि सेवा और समर्पण से ही समाज में सच्चे बदलाव संभव हैं।

विधि एवं पत्रकारिता  के क्षेत्र में उनके योगदान को कई पुरस्कारों से सराहा गया है।उनका यह सफर विधि एवं समाज  के प्रति समर्पण, निरंतर प्रयास,  प्रेरणा देने का उदाहरण प्रस्तुत करता है, एडवोकेट हरीशंकर सिंह सैनी  से विधि एवं ग्राहकों के अधिकारों  के विभिन्न पहलुओं पर वरिष्ठ पत्रकार वरिष्ठ पत्रकार एवं आरटीआई एक्टिविस्ट यज्ञ भूषण शर्मा  ने साक्षात्कार किया, प्रस्तुत है साक्षात्कार के प्रमुख अंश-

प्रश्न 1:आप अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के उत्तराखंड प्रांत के संगठन मंत्री हैं। हमें बताएं कि आपने इस संगठन के साथ जुड़ने का निर्णय क्यों लिया और आपके लिए यह यात्रा कैसी रही?

उत्तर:  मैं हमेशा से ही समाज में हो रहे विभिन्न बदलावों और ग्राहक हितों की रक्षा के प्रति जागरूक रहा हूं। जब मुझे अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के उद्देश्य और कार्यों के बारे में पता चला, तो मुझे लगा कि यह संगठन ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक मजबूत मंच है। इस यात्रा में कई चुनौतियाँ आईं, लेकिन साथ ही समाज में बदलाव लाने का जो अवसर मिला, वह अत्यंत संतोषजनक रहा। संगठन के माध्यम से हम ग्राहकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कर रहे हैं और उनका समर्थन प्राप्त कर रहे हैं, जो बहुत ही सार्थक है।

प्रश्न 2: अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ग्राहकों के अधिकारों के लिए काम करती है, लेकिन इस दिशा में सबसे बड़ी चुनौती क्या है?

उत्तर: सबसे बड़ी चुनौती यह है कि ग्राहकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और साथ ही उपभोक्ता क्षेत्रों में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का मुकाबला करना। बहुत से लोग अपने अधिकारों के बारे में नहीं जानते हैं और उनका शोषण किया जाता है। हम प्रयास कर रहे हैं कि हर ग्राहक को अपने अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी मिले, ताकि वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बच सकें और सही तरीके से अपने हक का दावा कर सकें।

प्रश्न 3: आपने संगठन के माध्यम से किस प्रकार के प्रमुख कार्य किए हैं और ग्राहक हितों के लिए क्या कदम उठाए हैं?

उत्तर: हमने राज्यभर में कई जागरूकता अभियान चलाए हैं। ग्राहकों को उनके अधिकारों, जैसे उचित मूल्य पर सामान प्राप्त करना, गुणवत्ता की गारंटी, और उपभोक्ता अदालतों का सही तरीके से उपयोग करने के बारे में जागरूक किया। इसके अलावा, हमने कई ग्राहक मामलों में हस्तक्षेप किया है, जहां उन्हें गुमराह किया गया था। हम विभिन्न दुकानदारों और व्यवसायियों से यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि वे ग्राहकों के अधिकारों का उल्लंघन न करें।

प्रश्न 4: ग्राहक जागरूकता के क्षेत्र में अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत किस प्रकार के अभियान चला रही है, विशेषकर उत्तराखंड में?

उत्तर: उत्तराखंड में हम खासकर शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चला रहे हैं। इन अभियानों के माध्यम से हम ग्राहकों को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वे क्या अधिकार रखते हैं और कैसे अपनी शिकायतों को उचित मंचों पर उठा सकते हैं। हम स्कूलों और कॉलेजों में कार्यशालाएँ आयोजित कर रहे हैं ताकि युवा पीढ़ी को उपभोक्ता अधिकारों के बारे में समझाया जा सके। इसके अलावा, हम विभिन्न उपभोक्ता मेलों और कार्यक्रमों के माध्यम से ग्राहकों से सीधे संवाद करते हैं।

प्रश्न 5: क्या आपको लगता है कि डिजिटल लेन-देन के बढ़ते चलन से ग्राहकों को नए प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है? इसके लिए आपने क्या कदम उठाए हैं?

उत्तर: जी हाँ, डिजिटल लेन-देन के बढ़ते चलन से ग्राहकों को कई नई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे ऑनलाइन धोखाधड़ी, फर्जी वेबसाइट्स और संवेदनशील जानकारी की चोरी। इसके समाधान के लिए हम ग्राहकों को जागरूक करने के लिए विभिन्न अभियान चला रहे हैं। हम उन्हें सुरक्षित डिजिटल लेन-देन की दिशा में मार्गदर्शन दे रहे हैं और उन्हें यह भी बता रहे हैं कि वे किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी से कैसे बच सकते हैं। हम सरकार से भी लगातार संपर्क में हैं, ताकि डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकें।

प्रश्न 6: आप संगठन के स्तर पर समाज में ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कौन-कौन से विशेष प्रयास कर रहे हैं?

उत्तर: हम उपभोक्ता अदालतों में ग्राहकों के मामलों की मदद करते हैं, जिससे उन्हें जल्दी और प्रभावी तरीके से न्याय मिल सके। इसके अलावा, हम विभिन्न उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता की निगरानी करते हैं और अगर कोई विक्रेता ग्राहक के अधिकारों का उल्लंघन करता है, तो हम उस पर कार्रवाई करते हैं। हम उपभोक्ता से जुड़ी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का भी काम करते हैं ताकि उपभोक्ता के हितों की रक्षा की जा सके।

प्रश्न 7: अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की भविष्य की योजनाओं के बारे में कुछ बताएं। आप आने वाले समय में ग्राहकों के हितों के लिए और क्या कदम उठाने का सोच रहे हैं?

उत्तर: हमारी योजना है कि हम ग्राहक जागरूकता कार्यक्रमों को और अधिक बढ़ाएंगे, विशेषकर छोटे-छोटे गांवों और दूरदराज के इलाकों में। हम अधिक से अधिक उपभोक्ता मेलों और जागरूकता शिविरों का आयोजन करेंगे। इसके अलावा, हम डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में भी नए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत करेंगे ताकि लोग ऑनलाइन धोखाधड़ी से बच सकें। हम ग्राहकों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सशक्त बनाने के लिए उन्हें अधिक जानकारी प्रदान करेंगे।

प्रश्न 8: अंत में, आप हमारे पाठकों को ग्राहक अधिकारों के बारे में क्या संदेश देना चाहेंगे?

उत्तर: मेरा संदेश है कि हर ग्राहक को यह समझना चाहिए कि उनका अधिकार केवल सामान खरीदने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें गुणवत्ता, उचित मूल्य, और उचित सेवा का भी हक है। ख़रीदारी के बाद बिल जरूर लेना चाहिए ,यदि कहीं भी उनके अधिकारों का उल्लंघन हो, तो वे बिना किसी डर के इसका विरोध करें और इसके लिए उचित मंचों का उपयोग करें। हम सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि समाज में हर ग्राहक को समान अधिकार मिले और वे सुरक्षित रहें।

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