देहरादून-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राजपुर रोड स्थित होटल में एक न्यूज चैनल द्वारा आयोजित प्रगति संग समृद्धि कार्यक्रम में राज्य के विकास से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदार की भूमि से 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। हम इस दिशा में उत्तराखण्ड की जनता के सहयोगी बनकर आगे बढ़ रहे है। यह विकास की यात्रा अकेले मुख्यमंत्री की यात्रा नहीं बल्कि पूरे प्रदेश वासियों की सामूहिक यात्रा है। हमारी यह सामूहिक यात्रा उत्तराखण्ड को 21वी सदी का विकसित राज्य बनाने में निश्चित रूप से सफल होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। राज्य के विकास में निरंतर उनका मार्गदर्शन मिल रहा है। उत्तराखण्ड को जी 20 के तीन आयोजन का अवसर मिला। अब हमें राष्ट्रीय खेलों की जिम्मेदारी मिली है। इसमें देश भर से 10 हजार खिलाड़ी प्रतिभाग करेंगे। यह हमारे लिये बड़ा अवसर है। हमारे युवाओं को इससे अपनी प्रतिभा का परिचय कराने का अवसर मिलेगा तथा भविष्य में भी राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह आयोजन उत्तराखण्ड को देवभूमि, वीरभूमि के बाद खेलभूमि बनाने में भी मददगार साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का समग्र विकास हमारा लक्ष्य है। पहाड़ की महिलाओं का जीवन आसान हो, राज्य में पलायन रूके, यहां का पानी और जवानी देश व प्रदेश के काम आये इस दिशा में भी हम प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022 में विधान सभा चुनाव में प्रदेश की जनता से किये वायदे के अनुरूप संविधान निर्माताओं की भावनाओं के अनुसार राज्य के सभी नागरिकों के हित में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाये हैं। शीघ्र ही यह विधेयक लागू कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड से निकलने वाली समान नागरिक संहिता की गंगोत्री पूरे देश को लाभान्वित करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य के युवाओं के हित में नकल विरोधी कानून लागू किया है। इससे युवाओं की प्रतिभा का सम्मान हुआ है। उन्होंने कहा 4 जुलाई 2021 को उन्होंने प्रदेश में 24,000 पदों को भरने की बात कही थी। अब तक 19 हजार पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है। शेष 5 हजार पदों पर भी नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान है।
मुख्यमंत्री ने कहा इस वर्ष से प्रदेश में शीतकालीन यात्रा की भी शुरुआत का निर्णय लिया गया है। बाबा केदार के शीतकालीन प्रवास स्थान से इसकी शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा देवभूमि का पुत्र होने के नाते उन्होंने संकल्प लिया है कि देवभूमि का मूल स्वरूप बना रहे, इसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न हो। देवभूमि के स्वरूप को बिगाड़ने के प्रयासों को कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा।

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