संवाददाता, देहरादून | 3 जून 2025
नीति आयोग ने उत्तराखंड सरकार के राज्य सशक्तीकरण एवं परिवर्तन संस्थान (सेतु) आयोग के सहयोग से 2 जून को राजधानी देहरादून में “राज्य सहायता मिशन” (SSM) के अंतर्गत एक दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का भव्य आयोजन किया। यह कार्यशाला केंद्रीय क्षेत्र योजना के अंतर्गत आयोजित पहली क्षेत्रीय कार्यशाला रही, जिसका उद्देश्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के बीच अनुभव-साझाकरण और आपसी सीख को बढ़ावा देना रहा।
उद्घाटन में नीति आयोग और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत, सेतु आयोग के उपाध्यक्ष श्री राज शेखर जोशी, उत्तराखंड के मुख्य सचिव श्री आनंद वर्धन, सेतु आयोग के सीईओ श्री शत्रुघ्न सिंह तथा नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही। इस मौके पर राज्यों के समग्र विकास में राज्य परिवर्तन संस्थानों (SIT) की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया।
13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने लिया भाग
कार्यशाला में बिहार, चंडीगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तराखंड समेत 13 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान समवेत चिंतन और योजना निर्माण को लेकर व्यापक संवाद हुआ।
एसआईटी की भूमिका पर केंद्रित हुआ विशेष सत्र
उत्तराखंड के प्रमुख योजना सचिव डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम की अध्यक्षता में हुए सत्र में SIT की राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करने में भूमिका पर विचार विमर्श हुआ। इस सत्र में जीआरआईटी गुजरात की सीईओ सुश्री एस. अपर्णा, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव श्री आलोक कुमार, व मेघालय के विकास आयुक्त डॉ. संपत कुमार ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि किस प्रकार SIT राज्य सरकारों के विजन और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के बीच सेतु का काम कर रही है।
महाराष्ट्र के प्रमुख आर्थिक सलाहकार की अध्यक्षता में हुआ सहकर्मी-शिक्षण सत्र
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार और मित्रा के सीईओ श्री प्रवीण परदेशी की अध्यक्षता में दूसरे सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें पंजाब, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तराखंड, चंडीगढ़ और मध्यप्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने SIT की संरचना, कार्यक्षमता, प्रमुख क्षेत्रों और अब तक की उपलब्धियों की जानकारी दी।
डेटा-आधारित शासन पर हुआ विशेष सत्र
इस सत्र में नीति आयोग द्वारा तैयार किए गए राज्यों के लिए पोर्टल और विकसित भारत रणनीति कक्ष जैसे प्लेटफार्मों को साझा किया गया। बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान, गया के महानिदेशक और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी के अधिकारियों ने नीति निर्माण में डेटा आधारित निर्णयों की अहमियत को लेकर व्यावहारिक अनुभव साझा किए।
जलवायु, निगरानी और राज्य दृष्टिकोण पर रहा विशेष फोकस
कार्यशाला में जलवायु परिवर्तन में कमी, निगरानी और मूल्यांकन, राज्य दृष्टिकोण निर्माण, क्षमता निर्माण जैसे विषयों पर भी गंभीर विचार-विमर्श हुआ। साथ ही SIT के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को आवश्यक अंतर्दृष्टियां प्रदान की गईं।
यह कार्यशाला न केवल राज्यों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देने वाली रही, बल्कि राज्य परिवर्तन संस्थानों की भूमिका को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई।