ओवरलोडिंग वाहनों पर कार्रवाई: यातायात पुलिस की सख्ती
यातायात व्यवस्था को सुचारु और सुरक्षित बनाए रखने के लिए ओवरलोडिंग योग्य वाहनों के खिलाफ कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है। ओवरलोडिंग न केवल वाहनों की कार्यक्षमता को प्रभावित करती है, बल्कि सड़क सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन सकती है।
ओवरलोडिंग के कई नकारात्मक प्रभाव होते हैं। यह न केवल वाहन के ब्रेक, सस्पेंशन और टायरों पर दबाव बढ़ाता है, बल्कि सड़क पर होने वाले हादसों की संभावनाओं को भी बढ़ाता है। इसके अलावा, ओवरलोडेड वाहनों की गति नियंत्रण भी बेहद कठिन होती है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा और बढ़ जाता है।
आज, यातायात उपनिरीक्षक दिगंबर उनियाल के नेतृत्व में यातायात पुलिस ने ओवरलोडिंग वाहनों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया। इस अभियान के परिणामस्वरूप, 7 वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और परमिट निरस्तीकरण के लिए सक्षम प्राधिकृत अधिकारी को भेज दिए गए हैं।
यातायात पुलिस ने सभी वाहन चालकों को ओवरलोडिंग न करने की हिदायत दी है। उन्हें स्पष्ट किया गया है कि किसी भी परिस्थिति में ओवरलोडिंग कानून का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। यदि वे ऐसा करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें डीएल और परमिट का निरस्तीकरण भी शामिल होगा।
इस दौरान हे0कां0 आशुतोष नौडियाल व कां0 राहुल जोशी मौजूद रहे।