हरिद्वार। गुरुकुल आयुर्वेद एल्युमिनी एसोसिएशन के सम्मिलन समारोह का भव्य आयोजन उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के गुरुकुल परिसर में आयोजित किया गया,जिसमें देश- प्रदेश से गुरुकुल के पुरातन स्नातकों, चिकित्सक -शिक्षको ने 200 से अधिक की संख्या में प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और भगवान धनवंतरि वंदना के साथ प्रारंभ किया गया! कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के संरक्षक वयोवृद्ध वर्ष 1955 के स्नातक डॉ राजेंद्र अग्रवाल ने की! मुख्य अतिथि प्रोफेसर अरुण त्रिपाठी कुलपति उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविख्यात, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर सुनील जोशी प्रख्यात मर्म चिकित्सक एवं पूर्व कुलपति उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, संरक्षक डॉ नरेंद्रपाल सिंह, नांदेड़ महाराष्ट्र से आये गुरुकुल के वरिष्ठ स्नातक डॉ गोविंद जोशी और डॉ वीरपाल निर्वाल जिला पंचायत अध्यक्ष मुजफ्फरनगर उपस्थित रहे!
गुरूकुल आयुर्वेद स्नातक परिषद के महासचिव डॉ संजय गुप्ता ने अतिथियों का परिचय एवं स्वागत प्रक्रिया पूर्ण करते हुये कार्यक्रम की रूपरेखा बताई!
गुरुकुल आयुर्वेद स्नातक परिषद के अध्यक्ष डॉ यतेन्द्र सिंह मलिक ने परिषद के उद्देश्य एवं विगत वर्षों में संस्था हित और छात्रों के हित प्रोत्साहन हेतु किए गए कार्यों का उल्लेख किया ! कई स्नातकों द्वारा विभिन्न विषयों में प्रथम स्थान प्राप्त छात्र- छात्रा को प्रोत्साहन पुरूस्कार स्वरूप रू 5000/ एवं प्रमाणपत्र दिया जाता है! संस्था के संग्रहालय और चरक प्रेक्षागृह के जीर्णोद्धार आदि कार्य कराए गए इसके अतिरिक्त विगत वर्ष संस्था के शताब्दी वर्ष के अवसर पर परिसर में आयुर्वेद प्रवर्तक भगवान धनवन्तरि मंदिर के निर्माण में स्नातकों द्वारा अर्थिक सहयोग किया और शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में परिसर के शताब्दी द्वार का शिलान्यास और मंदिर का लोकार्पण महामहिम राज्यपाल द्वारा किया गया! स्नातकों के अर्थिक सहयोग से होने वाले शताब्दी द्वार निर्माण की प्रक्रिया विश्विद्यालय स्तर से सम्पन्न होनी है लेकिन निर्माण प्रक्रिया की धीमी गति होने पर अध्यक्ष डॉ मलिक द्वारा माननीय कुलपति जी को निवेदन किया कि मान्यवर यह हम सबके लिए गौरव की बात है कि आप एक गुरुकुलियन हैं और इस नाते शताब्दी द्वार के निर्माण में आप व्यक्तिगत रूप से रुचि लेकर इसे यथाशीघ्र पूर्ण कराने का नैतिक जिम्मेदारी आपकी बनती है! हम आशा करते हैं कि अगले अल्युमनी मीट से पूर्व शताब्दी द्वार का उद्घाटन अवश्य हो जाना चाहिए! डॉ0 मलिक ने सभी गुरुकुलियन से अपील की कि अपनी मातृसंस्था के प्रति अपनी जिम्मेदारी और सम्मान की भावना रखते हुए अपनी सामर्थ्य अनुसार अर्थिक रूप में एवं अन्य विकासशील गतिविधियों में अपना योगदान अवश्य करें!
कार्यक्रम में ऐसे वरिष्ठ स्नातक जिन्होंने अपने स्नातक होने के 50 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं, को स्वर्ण जयंती सम्मान करते हुए गोल्ड मेडल एवं जिन स्नातकों के 25 वर्ष पूर्ण हुए हैं उनको रजत जयंती सम्मान करते हुए रजत मेडल अतिथियों एवं गुरुजनों द्वारा प्रदान किया गया! निश्चित ही स्नातकों के लिए यह भावुकता और रोमांचित पूर्ण पल रहे!
विशिष्ट अतिथि डॉ गोविंद जोशी ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की महत्ता पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि आयुर्वेद स्वयं में सम्पूर्ण चिकित्सा पद्धति है और रोगों से बचने के लिये आयुर्वेदिक स्वस्थ वृत्त अपनाने की जरूरत है!
उन्होंने गुरुकुल के प्राचीन स्नातकों द्वारा आयुर्वेद के लिये किए गए योगदान की चर्चा की और चिकित्सा में अपने अनुभव साझा किए! डॉ0 जोशी ने आयुर्वेद विधा को शासकीय स्तर पर यथेष्ट संरक्षण देते हुए समस्त असमानता दूर करने की अपील की!
विशिष्ट अतिथि डॉ वीरपाल निर्वाल ने आव्हान किया कि आयुर्वेद के रोगप्रतिकारक उपायों के प्रति लोगों को जागृत करने की आकस्मिकता की बात कही और जीवन में सफलता के लिए समय की प्रतिबद्धता के प्रति समर्पित रहना चाहिए!
प्रोफे हरि मोहन चंदोला ने आयुर्वेद के क्षेत्र में गुरूकुल के प्राचीन स्नातकों एवं मूर्धन्य विद्वानों जैसे डॉ धर्मानंद केसरवानी, वैद्य धर्मदत्त, वैद्य रणजीत राय देसाई, वैद्य निरंजन देव आचार्य डॉ अनंतानंद जी आदि के विषय में जानकारी दी कि किस हौसले और जज़्बे के साथ आयुर्वेद चिकित्सकों को आयुर्वेद की विशिष्ट चिकित्सा एवं शल्य क्रिया के प्रति प्रेरित किया!
गुरुकुल स्नातक मुख्य अतिथि प्रोफे. अरुण कुमार त्रिपाठी , कुलपति उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने कहा कि आयुर्वेद की विशेषताओं को देखते हुए सारा विश्व आयुष के प्रति आशावान हैं! प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर आयुर्वेद और योग के वैलनेस सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं जिनमें लाइफ़स्टाइल डिसीज, एनोरेक्टल प्रॉब्लम, जिरियाट्रिक प्रॉब्लम, नॉन कम्युनिकेबल डिसीज की चिकित्सा की सुविधाएं उपलब्ध है! साथ ही किसानों को जडी- बूटियों के उत्पादन हेतु प्रेरित किया जाएगा!
आयुर्वेद की शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा-दीक्षा के लिए उच्च मानक निर्धारित किए जा रहे हैं !
प्रोफेसर सुनील जोशी ने वात जन्य व्याधियों में पीड़ा हरण के रूप में मर्म चिकित्सा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस थेरेपी को देश विदेश में प्रचारित करने की आवश्यकता बताई और मर्म चिकित्सा के अपने अनुभव साझा किए!
विशिष्ट अतिथि डॉ वीरपाल सिंह निर्वाल ने युवा स्नातकों से आह्वान किया कि रोग पीड़ित समाज की आयुर्वेद के माध्यम से सेवा करना और जीवन में सफ़लता प्राप्त करने के लिए समय की प्रतिबद्धता एवं मेहनत से काम करने हेतु प्रेरित किया!
गुरुकुल आयुर्वेद एल्यूमनी एसोसिएशन द्वारा गुरुकुल के वरिष्ठ स्नातक डॉक्टर मनोज शर्मा एवं गुरुकुल आयुर्वैदिक कॉलेज के मौलिक सिद्धांत विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर विपिन अरोड़ा के संपादन में प्रकाशित स्मारिका आयुर्गँगा
के नवम अंक का विमोचन सम्मानित अतिथियों द्वारा किया गया! इस सत्र की समाप्ति से पूर्व अध्यक्ष द्वारा एल्युमिनी एसोसिएशन के वर्ष 2023-24 का चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित आय व्यय लेखा सभा के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिसे सर्वसम्मति से अनुमोदित कर दिया गया!
भोजन उपरांत कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में छात्रों को प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए गए!
गुरुकुल कॉलेज के शरीर रचना विषय में विगत दो सत्रों की प्रथम स्थान प्राप्त दो छात्राओं को स्वo डॉ अनंतानंद स्मृति में उनकी
पुत्री डॉ अदिती शेर जम्मू निवासी की ओर से प्रोत्साहन के रूप मे रू 5000/प्रति छात्रा वैशाली भट्ट बैच 2020 को और अनु कौशल बैच 2021 को प्रदान किया गया
पंचकर्म विषय में प्रथम स्थान प्राप्त छात्रा श्रुति पंत बैच 2018 को परिषद के अध्यक्ष डॉ यतेंद्र सिंह मलिक द्वारा रू5000/ प्रदान किया गया! पूर्व निर्धारित पुरूस्कारो के क्रम में द्रव्य गुण विषय में प्रथम स्थान प्राप्त छात्रा अशिका दुबे बैच 2020 और छात्रा प्रियांशी यादव बैच 2021 को स्वo डॉ इंद्रसेन जेटली स्मृति में डॉ0 विनोद उपाध्याय हरिद्वार की ओर से तथा कायचिकित्सा में प्रथम स्थान प्राप्त छात्रा श्रुति पंत को डॉ आलोक शर्मा निवासी मेरठ की ओर से दिए जाने वाले रू 5000/ के प्रोत्साहन पुरस्कार इन दोनों चिकित्सकों की कार्यक्रम में अनुपस्थिति के कारण बाद में दिया जाएगा!
आगरा से आये डॉ विमल कुमार सिंह ने अगले वर्ष से शल्यक्रिया विषय में प्रथम स्थान प्राप्त छात्र/ छात्रा को रू11000/ प्रोत्साहन पुरस्कार देने और सहारनपुर से आये डॉ श्रीकांत शर्मा ने अपनी स्वo पुत्री श्रुति शर्मा की स्मृति में रु 5000/ का प्रोत्साहन पुरस्कार प्रथम वर्ष में प्रथम स्थान प्राप्त छात्र/ छात्रा को अगले वर्ष से दिए जाने की घोषणा की! परिषद के जन समन्वयक वैद्य पीयूष जुनेजा ने युवा स्नातकों को
चिकित्सा व्यवसाय को डिजिटल प्लेटफॉर्म जुड़कर अपनी योग्यता से परामर्शी विधि और यदि अपनी कोई प्रोडक्ट के प्रयोग करने का आधुनिक रूप दिए जाने का सुझाव दिया !
मिलन समारोह के अंतिम चरण में साँस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ! संस्कृतिक समिति के संयोजक एवं परिषद के मीडिया प्रभारी डॉ राजीव कुरेले के कुशल एंकरिंग में
गुरुकुल कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक गीत नृत्य प्रस्तुत किए गये! स्नातकों द्वारा कविता, ग़ज़ल शायरी गीत के साथ रंगारंग माहौल हो गया! मेरठ में आए डॉ सुनील जैन ने अपने गुरूकुल कालीन संस्मरण और ससुराल में खेली पहली होली की हास्य कविता सुना कर पूरे माहौल को हास्य रंग में भर डाला! डॉ0 मलिक ने साहिर लुधियानवी की एक गजल “ये जुल्फ अगर खुलके बिखर जाए….” सुनाई! युवा वैद्य पीयूष जुनेजा ने भी मस्त गीत पर ज़बर्दस्त नृत्य कर छात्रों को अभिभूत किया डॉ कुरेले ने भी अपना गीत प्रस्तुत किया और छात्रों को गीत के माध्यम से औषधियों के घटक याद करने की अपनी पुरानी विधि को साझा किया! सांस्कृतिक कार्यक्रम की रंगारंग परिस्थितियों द्वारा सभी गुरुकुल आयुर्वेद स्नातकों ने अपनी उपस्थिति और अपनी प्रस्तुति से आनंदित और रोमांचित किया! कार्यक्रम के सफल एवं सुख आयोजन के लिए सभी इस नाटकों ने स्नातक संघ की प्रशंसा एवं सराहना की।
समारोह के समापन पर महासचिव डॉ संजय गुप्ता ने गुरुकुल के स्नातकों काआयुर्वेद के विकास एवं प्रचार प्रसार में क्या योगदान हो सकता है इस विषय पर चिंतन करने और प्रयासरत रहकर गुरुकुल संस्था का नाम रोशन करने की अपील की।
संस्था के अध्यक्ष डॉ0 यतेंद्र मलिक ने सभी आयुर्वेद स्नातकों से आहवाहन किया कि अपनी स्नातक परिषद को और अधिक मजबूत और कारगर बनाने के लिये, अपनी मातृ संस्था के संरक्षण के लिए अपनी नेक कमाई से अर्थिक सहयोग एवं अधिकाधिक संख्या में अपनी परिषद की सदस्यता ग्रहण करने की प्रवृत्ति बनाये रखे! सभी को धन्यवाद ज्ञापित कर शुभकामनाएं देते हुए निवेदन किया कि अगले सम्मिलन समारोह को और अधिक आनंददायक रूचिकर बनाने के लिये अपने अपने गुरुकुलियन साथियों के साथ अधिकतम संख्या में प्रतिभाग करें एवं एक दूसरे के निरन्तर संपर्क में रहते हुए अपने संस्मरण परस्पर आदान-प्रदान कर आनंद की अनुभूति प्राप्त करें।
स्नातक परिषद के मीडिया प्रभारी डॉक्टर कुरेले ने सभी सम्मानित प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थानों/संपादक/पत्रकार बंधु /भगिनी से कार्यक्रम के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए सक्रिय रूप से सहयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया।

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